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तुमसे हैं दिल को प्यार .... "शंकर जयकिशन" .... तुमसे हैं दिल को प्यार

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                                      शंकर जयकिशन - कविराज शैलेंद्रजी का कम्माल,                                       शम्मी कपूर - राजश्री का धम्माल नृत्य, सहकलाकारों के साथ पर्देपर                                       पर्दे के पीछे ... मो.रफी-आशा भोंसले-बलबीर-एस.डी.बातिश का झक्कास पार्श्वगायन,                                       चित्रपट - जानवर (१९६५) का यह रोमांचक गीत अनुपमेय Sudhakar Shahane यह सब को पता हैं की, बीटल्स की एक रचना 'I wanna to hold your hand' पर आधारित यह गीत शंकर जयकिशन जी ने बनाया था, लेकिन ओरिजिनल से भी ही सुरीला हैं ... आसान नहीं था इस रचना पर गीत लिखना, पर "कविराज शैलेंद्र" ज...

Shanker Jaikishan and Hasrat Shailendra left behind a body of work which will remain matchless

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By Dharma Kirthi Shanker Jaikishan and Hasrat Shailendra were a team made up above in the skies and sent to the mortal earth to entertain us endlessly. There was a perfect bond among them which can neither be explained nor deconstructed. What can ordinary mortals like me, with not even an iota of knowledge of music write about their chemistry and synergy. All I can write with immense gratitude is that they left behind a body of work which will remain matchless. Na bhooto na bhavishvo.. Despite their superlative contribution to the film music, I am pained to say that the the so called elite music experts' groups rarely give them the respect they deserve. I may add that, it is also considered to be a fashion to belittle their work under some pretext or the other. This was happening during their lifetime and continues to happen till date. But, neither of them ever cared for anything and continued to compete among themselves to excel their previous bests. Here is...

जीना उसका जीना है जो हंसते गाते जी ले

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by Shyam Shankar Sharma कुछ गीत लगते तो कामुक है,उनका फिल्मांकन भी तदनरुप किया भी जाता है और गर हेलेन की उपस्थिति हो तो उसे तय भी माना जाता है।ऐसा ही एक गीत जिसे हसरत जयपुरी ने लिखा युगंधर सांगीतकार शंकर जयकिशन ने अपनी अनोखी संगीत शैली में ढाला जिसे लता ने गाया,यह थी 1965 की निर्माता ऍन ऍन सिप्पी और निर्देशक राजा नवाथे की फिल्म ...गुमनाम... गीत था ...इस दुनियाँ में जीना हो तो सुन लो मेरी बात गम छोड़ के मनाओ रंग रैली अरे मान लो जो कहे किट्टी केली... इस फिल्म के मुख्य कलाकार थे मनोज कुमार,नंदा, प्राण,हेलेन,मेहमूद, मदनपुरी,धुमाल, मनमोहन,हीरालाल,लक्ष्मी छाया,नैना और हरमन बेंजामिन..इस फिल्म के सभी कलाकारों का नाम बताना इसलिए आवश्यक है कि इसके सभी पात्र इस फिल्म के मुख्य केंद्र है और संभवतया यह हिंदी फिल्म इतिहास की वह सुपर हिट फिल्म है जिसमे हिट गीतों को नायक अथवा नायिका द्वारा नहीं अपितु सह कलाकारों पर फिल्माया गया जरा नज़र डालिये.... 1,लता का गाया हसरत का लिखा टाइटल गीत..गुमनाम है कोई ..जो पार्श्व में बजता रहता है..इसमे कभी कभी नैना नजर आती है..आज भी यह गीत सुस्पेन्स फिल्मो में अप...

खुद ही गरीबां फाड़ लिया है,खुद ही गरीबां सीते है!

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by Shyam Shanker Sharma जीवन मे हम आत्ममंथन तब करते है जब हम सब तरफ से निराश हो जाते है,कोई जीने का उपाय नही सूझ रहा होता है,हमे अपनी एक एक भूल का अहसास होता है,इन्ही कशमकशो से भरा एक दर्द भरा गीत फ़िल्म "रात और दिन " के लिए सदी के महान गीतकार शैलेन्द्र ने लिखा था जिसे हिंदी फिल्मों के संगीतपितामह शंकरजयकिशन ने अपने दैवीय संगीत से अमरत्व प्रदान किया।इस गीत को आप लतमंगेशकर के सर्वश्रेष्ठ 10 गीतों में किसी भी स्थान पर रख सकते है।नारी के अंतर्द्वन्द व पीड़ा का यह गीत महान अदाकारा नरगिस पर फिल्माया गया था जो उनकी अंतिम फ़िल्म थी तथा जिसे राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।शंकरजयकिशन की यह अनमोल रचना हिंदी फिल्म संगीत का मील का पत्थर है जो आने वाली पीढ़ी के संगीतकारो को राह दिखाता रहेगा। अक्सर राही मील के पत्थर की उपेक्षा करता है तथा उसका उपहास उड़ाता है कि तुम बरसो से एक ही स्थान पर जमे हुए हो!किन्तु मील का पत्थर उसे समझाता है कि यदि में न होता तो तुम राह भटक गए होते,मंज़िल पर कभी पहुंच ही न पाते!में तो नित्य असंख्य राहगीरों को उनका सही मार्ग बताता हूँ जिससे वे सभी अपनी अपनी मंज़िलो को...
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Asha Bhosle, Rajesh Khanna, Bal Thackeray and Music director Shanker (partially seen at extreme right) From left Singer Manna Dey, Raj Kapoor, a guest, Music director Shankar and singer Asha Bhosle Asha & Kishore Kumar at the recording of a song for Bombay Talkie Jaikishan with producer, distributor N N Sippy, Photo Courtesy N N Sippy production  Shankar Jaikishan with Dr. Baali and Vyjayanthimala after they received PadmaShri

Saajan Ki Galiyaan - Shelved film which has music by Shanker Jaikishen

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दिल की गिरह खोल दो

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आज राष्ट्रीय भाषा हिंदी दिवस है,इस कारण मेरे मस्तिष्क में एक विचार आया कि क्यो न फ़िल्म रात और दिन के शैलेंद्र के लिखे गीत से अपने दिल की गिरह को भी खोल दूं !कारण यह है कि गोरे साहिब तो चले गए किन्तु काले साहिबो ने अपना वर्चस्व बनाये रखने के लिए गोरे साहिबो की राह पर ही चलना पसंद किया।समस्त भाषाएं आदर योग्य होती है किन्तु राष्ट्र की भाषा देशवासी के लिए गौरव की बात होती है।विभिन्न राज्यो की अपनी अपनी भाषाये है जो पूजनीय है किंतु सम्पूर्ण राष्ट्र को जोड़ने वाली एक राष्ट्रभाषा का होना भी जरूरी है और निसंदेह हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है जो तेजी से स्वतः विकास करती जा रही है।अंग्रेजी का ज्ञान विश्व को जानने के लिए आवश्यक है किन्तु यह ज्ञान यह तो नही सीखाता का राष्ट्रीय भाषा की उपेक्षा करो? आज रूस,चीन,जापान,फ्रांस,इटली,कोरिया जैसे विकसित देश अपनी अपनी भाषा का ही उपयोग कर कहाँ से कहाँ पहुंच गए किन्तु हम मानसिक गुलामी से कभी मुक्त ही नही हो पाए। शंकरजयकिशन का ही उदाहरण लेते है एक दक्षिण भारत से थे तो दूसरे गुजरात से,किन्तु दोनों ने मिलकर हिंदी फिल्मी गीतों का एक इतिहास रच दिया।इसका क...