तुमसे हैं दिल को प्यार .... "शंकर जयकिशन" .... तुमसे हैं दिल को प्यार

                                      शंकर जयकिशन - कविराज शैलेंद्रजी का कम्माल,
                                      शम्मी कपूर - राजश्री का धम्माल नृत्य, सहकलाकारों के साथ पर्देपर
                                      पर्दे के पीछे ... मो.रफी-आशा भोंसले-बलबीर-एस.डी.बातिश का झक्कास पार्श्वगायन,
                                      चित्रपट - जानवर (१९६५) का यह रोमांचक गीत अनुपमेय


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Sudhakar Shahane


यह सब को पता हैं की, बीटल्स की एक रचना 'I wanna to hold your hand' पर आधारित यह गीत शंकर जयकिशन जी ने बनाया था, लेकिन ओरिजिनल से भी ही सुरीला हैं ... आसान नहीं था इस रचना पर गीत लिखना, पर "कविराज शैलेंद्र" जी अभिजात प्रतिभावंत, हरहुन्नरी कवि थे ... झक्कास गीत लिखा उन्होंने

राजेंद्र नाथ और माधवी के शादी की रिसेप्शन पार्टी ...फ्लोर पर 'Terence Lyons', और उसके साथी

Prelude में चार गिटार वादक, गिटार पर आकर्षक, दिलखेंचक धुन बजाते 'बीटल्स स्टाइल में नाच रहें हैं, इनमें एक 'Oscar Ungar' हैं जो 'विजय-ऑस्कर' इस सुप्रसिद्ध कोरिओग्राफर जोड़ी में से एक हैं ...Prelude पूरा अब गीत शुरू होता हैं .....बलबीर, बातिश के बाद रफ़ी साहब मुखडा मस्ती में गाते हैं ....शम्मी कपूर (बालों का विग लगाकर) का जबरदस्त नृत्य परफॉर्मेंस, वें सर और पूरा शरीर हिलाकर नाच रहें हैं

'देखो अब तो किसको नहीं हैं खबर
तुमसे हैं दिल को प्यार'

Interlude में गिटार लयमें बीज रहें हैं अब राजश्री (विग लगाकर, तंग सुवर्ण पोशाख) भी शम्मी के साथ नाच रही हैं,, मस्त नाच रहे हैं दोनो, ... Interlude में 'Terence Lyons' की दोनों बहनें 'Marie' आणि 'Edwina' दिखाई देती हैं,..सहनर्तकों के साथ, रफ़ी साहब अब पहला अंतरा गा रहें हैं ...
दम भर के हमदम मिल जाते हैं अक़्सर
और झूठी कसमें भी खाते हैं
पर कहां जो कहे तुमसे
तुमसे हैं दिल को प्यार
देखो अब तो किसको नहीं हैं खबर
पहले अंतरे के बाद Interlude मधे गिटार, पियानो वादन जबरदस्त
अब आशा की मादक आवाज़ ... दूसरा अंतरा ...आशा जब यह अंतरा दोहराती हैं तब, 'हर पल' के बाद रफ़ी साहब की 'हाय'...'मेरी जां' के बाद पुनः 'हाये' रिपीट तो 'ये कहे तुमsssसे' पर 'हा ssss ये' साथ झक्काsssस
हलचल में हम दोनों की हस्ती हर पल
छाई हैं हर सु ये अलमस्ती
मेरी जां ये कहे तुमसे
तुमसे हैं दिल को प्यार
देखो अब तो किसको नहीं हैं खबर
Interlude के बाद रफ़ी साहब तीसरा अंतरा पूरा गाते हैं, फिर बलबीर-बातिश के साथ ...अब आशा की कम्माल, 'हम तुम' पर 'हां', 'बन जाएं' पर रिपीट 'हाये', 'ये समां पर 'हाsयें', कुछ कहे तुमsssसे' पर हांsss यें ... दाद देनेवाली जगह
दुनिया से अब क्यूँ प्यार छुपाएं हम तुम
बनते हैं अफ़साने बन जाएं
ये समां कुछ कहें तुमसे
तुमसे हैं दिल को प्यार
देखो अब तो किसको नहीं हैं खबर
'देखो अब तो किसको नहीं हैं खबर', अब मुखडा रफ़ी-आशा दोनोंही गाते हैं, पहले रफ़ी फिर आशा .... गीत की गती अब तीव्र होती हुई ... 'तुमसे हैं दिल को प्यार' अब तेज़ गाते रफ़ी और 'हांहां, हांहां' हांआंहांआं' आशा की मस्त साथ,आवाज में खनक और मादकता
अब गिटार, अन्य वाद्य रुकी हुई , अब सिर्फ़ ड्रम ...सब फ्लोर पर बेभान, बेधुंद नाच रहें हैं ...राजेंद्र नाथ - माधवी, शम्मी, राजश्री, सहकलाकार ...कैमेरा क्लोज अप में 'Terence Lyons' पर जो ख़ुद ड्रम बजा रहा हैं ... 'एस-जे' के झक्कास पाश्चिमात्य धुन में सब खोये हुए, और हम भी !
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